Tag: लव जिहाद

  • क्या इस्लाम लव जिहाद का हुक्म देता है?

    क्या इस्लाम लव जिहाद का हुक्म देता है?

    जवाब:-  उक्त कृत्य इस्लाम की नज़र में जघन्य अपराध है और इसकी सज़ा, सज़ा-ए-मौत है। जिन-जिन जगहों पर इस्लामी कानून लागू है वहाँ इस अपराध की यही सज़ा दी जाएगी।

    लव जिहाद का तो इस्लाम में कोई विचार ही नहीं हो सकता जब इस्लाम में किसी भी तरह के विवाह पूर्व या पर-स्त्री से सम्बन्ध, अंतरंगता ही पूर्ण रूप से वर्जित है। यही कारण है कि इस्लाम में लव अफेयर, लव मैरिज, शादी से पहले लड़का लड़की का मिलना यहाँ तक कि देखना तक हराम (वर्जित) है। उल्लेख 👉 (क़ुरआन 24:30-31)

    लेकिन अगर कोई दुराचारी फिर भी ना माने और ज़बरदस्ती, बलात्कार, हत्या जैसा कृत्य करे तो उसके लिए इस्लाम में सख़्त सजा, सज़ा-ए-मौत का प्रावधान है और आज भी सऊदी अरब जैसे मुल्क इसका जीता जागता उदाहरण है।

    अतः उक्त आरोप सिद्ध होने पर इस्लाम को आरोपी से कोई दया प्राप्त नहीं है बल्कि ख़ुद इस्लाम उसे सख़्त सज़ा की पैरवी करता है।

    साथ ही जैसा कि अपराधी हिरासत में है और तमाम एजेंसी को खुली छूट प्राप्त है। एवं वे पूर्ण रूप से सक्षम भी हैं तो इस बात का अवश्य पता लगाना चाहिए कि इस आरोप को लव जिहाद से प्रेरित किस आधार पर कहा जा रहा है?

    जब क़ुरआन और हदीस में इस तरह की कोई चीज़ नहीं है, बल्कि इसकी सख़्त सज़ा का उल्लेख है तो फिर आरोपी को इस बात के लिए प्रेरणा कहाँ से मिली?

    या कौन-सा धर्म गुरु या जमाअत इसके पीछे है और वे किस आधार पर यह चीज़ सीखा रहे हैं जिसका सिरे से कोई आधार ही नहीं? उन लोगों को भी सामने लाना चाहिए और सभी को सख़्त सज़ा देना चाहिए ।

    इस संदर्भ में यह बहुत ही अधिक ज़रूरी है और अगर ऐसा कुछ नहीं होता और लव जिहाद एक बार फिर सिर्फ़ एक आरोप बन कर ही रह जाता है।

    तो फिर यही मानने पर मजबूर होना पड़ेगा कि यह एक-तरफा प्रेम और अपराध का मामला था। चूंकि आरोपी मुस्लिम था इसलिए इसको “लव जिहाद” नाम दे दिया गया और यदि वह और किसी धर्म का होता तो सिर्फ़ अपराध कहलाता जिस तरह से एसिड अटैक, बलात्कार या फिर हत्या आदि के अनगिनत केस हर दिन दुर्भाग्य पूर्ण होते रहते हैं और इन्हें रोकने के लिए कुछ ठोस नहीं किया जाता और धार्मिक, जाति वादी आदि एंगल निकाल कर अपराध और समस्या को ख़त्म करने की बजाए उस को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

    जब सरकार से RTI द्वारा लव जिहाद पर सबूत मांगा गया तो सच्चाई बाहर आगई👇

    https://timesofindia.indiatimes.com/india/love-jihad-not-defined-under-laws-no-case-reported-government/articleshow/73946437.cms

    केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि हिंदू धर्म को खतरा ‘काल्पनिक’ है।👇https://www.humsamvet.com/national/hindu-dharma-not-in-danger-says-union-home-ministry-15977

     

  • पुष्पेंद्र की विडिओ का जवाब।

    पुष्पेंद्र की विडिओ का जवाब।

    *जवाब:-* पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ की हर विडियो की तरह यह विडियो  https://youtu.be/P18rVzeRNKg भी ब्रेनवाशिंग (Brain washing) का एक नायाब नमूना है।

     

    जिसमे बड़ी चालाकी से देखने वाले को अपने एजेंडे अनुसार व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया जाता है जिसमे सारे झूठे तथ्यों को, जज़बाती बातों में लपेट कर परोसा जाता है और सामने वाले को परोक्ष रूप से (Indirectly) अपने मतलब के लिए इस्तेमाल करने के लिए उकसाया जाता है ।

     

    आप सभी ने इस विडियो को तो देखा। अब ज़रा एक बार फिर दिमाग खोल इस मैसेज को पढ़ने के बाद एक  बार फिर इस विडियो का विश्लेषण ज़रूर कीजिएगा ताकि आपको इनकी हर विडियो की रणनीति (Strategy) और एजेंडा समझ आये।

     

    इस विडियो का गुप्त एजेंडा (Hidden agenda):- अहम मुद्दों से ध्यान हटा कर लोगों को सीएए (CAA) के समर्थन में सड़कों पर उतारना।

     

    स्ट्रेटजी:- झूठ, डर, आदि से जज़बाती शोषण कर भड़काना।

     

    सबसे पहले उन झूठ को पकड़ते हैं जो यह श्री मान ने अपने हिडन एजेंडा के लिए इस विडियो में प्रयोग किये।

     

    *झूठ नम्बर 1*

    यह कहते हैं कि

    “1. मुसलमान को सरकारी नौकरी नहीं चाहिए?!!”

     

    ज़रा सोचिए ये किस आधार पर कहा जा सकता है?

    महाशय, कृपया यह बताने का कष्ट करेंगे कि उनकी इस तसव्वुर / कल्पना (Assumption) का आधार क्या है ??

     

    यह निराधार झूठ तो और उजागर होता है तब, जब मुस्लिम बच्चों में शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है और हाल ही में बड़ी मात्रा में मुस्लिम बच्चे IAS IPS में चयनित हुए।

     

    हाँ यह बात ज़रूर है कि अब इस में भी पुष्पेंद्र या इस जैसे कुछ दूसरे एजेंट नफरत का एंगल निकालने की ज़रूर कोशिश करेंगे।

     

    झूठ नंबर 2

    आगे विडियो में यह कहते हैं

    ” _मुस्लिम इंजीनियर डॉक्टर सीधे ISIS में भर्ती होने चले जाते हैं_।”

     

    एक बार फिर मनगढ़ंत झूठा आरोप? ज़रा बताइये 20 करोड़ मुसलमानों के इस देश में कितने डॉक्टर, इंजीनियर ISIS में भर्ती होने चले गए ??

     

    मेरा आप सभी से सवाल है कि आप में से जो डॉक्टर, इंजीनियर है आप की बैच में ज़रूर कोई मुस्लिम रहा होगा, या अगर आप डॉक्टर इंजीनियर नहीं भी हैं तब भी आपके नेटवर्क में कोई ना कोई मुस्लिम बच्चे तो होंगे ही। तो ज़रा आप बताएँगे की आपका कोई सहपाठी (बैचमेट) या परिचित मुस्लिम डॉक्टर, इंजीनियर आपको ISIS में जाते दिखा या ख़बर मिली ???

     

    झूठ नम्बर 3

     

    लव जिहाद

     

    पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी तो अपने आप को इस्लाम धर्म का बहुत बड़ा ज्ञाता बताते हैं। तो वह इतनी बड़ी बात बिना संदर्भ (रेफरेंस) के कैसे कह रहे हैं?

     

    ज़रा बताइये की लव जिहाद जैसी चीज इस्लाम के किस ग्रंथ में लिखी है? है कोई रेफरेंस?

     

    *दुनिया जानती है जिस धर्म में पराई स्त्री को देखना तक हराम है,व्यभिचार की सज़ा, सज़ा-ए-मौत है। उस धर्म पर आप यह आरोप लगा रहे हैं?*

     

    बताइए यह तो झूठ की इंतिहा है!

     

    खैर ये पैटर्न आप को हर जगह दिखेगा जिहाद शब्द को किसी भी चीज़ से जोड़ कर हर बार एक नया मसाला तैयार।

     

    कोई अचंभा नहीं अगर कल तक मुस्लिम को सरकारी नौकरी नहीं चाहिए ऐसा कहने वाले पुष्पेंद्र जी आज झूठे साबित होने पर IAS, IPS परीक्षा के नतीजे को ही अब शिक्षा जिहाद का नाम दे दें।

     

    यह तो थे कुछ झूठ!

     

    अब देखिए डर का प्रयोग।

     

    डर नंबर 1

    मुसलमानों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है

     

    यह झूठ तो कई बार उजागर हो चुका है आज़ादी के बाद से ही नफरत फैलाने वालों का यह एक प्रोपेगेंडा रहा है ।

     

    इस मैसेज के अंत में न्यूज़ रिपोर्ट की लिंक भेजी जा रही है आप ख़ुद इस झूठे डर की हकीकत जान लें।

     

    https://youtu.be/YfVBsbkAGco

    डर नंबर 2

    _”आज नहीं तो कल लड़ना ही होगा।”_

     

    खुले दिमाग से सोचिए ये आदमी खुले आम ना केवल देश में गृह युद्ध की बात कर रहा है, बल्कि उसके लिए लोगों को उकसा रहा है। बल्कि यहाँ तक कह रहा है कि बच्चों को पढ़ने लिखने की बजाय लड़ना सिखाने पर ध्यान देना चाहिए ।

     

    इसके अलावा भी कई डर इस्तेमाल किये जैसे सभी मुसलमानों का एक हो जाना आदि बातें।

     

    झुठ, डर के बाद अब नोटिस कीजिए जज़बाती / भावनात्मक खेल यानी की इमोशनल हथकंडा।

     

    इतनी ब्रेनवाशिंग कर लेने के बाद श्री पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी इस नतीजे पर पहुँचते हैं, या लोगों को इस नतीजे पर पहुँचाते हैं कि:- “इसका हल यही है कि समाज को आगे आना होगा ।”

     

    और कमाल की बात यह है आगे क्यों आना होगा ? आगे इसलिए नहीं आना होगा कि एक साथ मिल कर देश को आगे ले जाएँ। मॉब लिंचिंग, रेप जैसे जघन्य अपराधों को रोका जाए।

     

    नहीं इस के बजाए *”उनका कहना”* है कि आगे आकर यह करना होगा की मुसलमानों के खिलाफ खड़े होना है। यहाँ आकर इनका जो एजेंडा है वह एकदम से उजागर होता है। वह यह कि सब बातों का निष्कर्ष यह है कि आप आइए CAA NRC के समर्थन में मैदान में उतरिये बाकी मुद्दे कुछ है ही नहीं बस आप मुस्लिमो को अपना दुश्मन समझे और सिर्फ इस तरफ ध्यान दें। जो कि बिल्कुल उजागर हो जाता है और यहीं इनका भांडा फूट जाता है।

     

    इसके अलावा विडियो में बार-बार यह कहना कि क्या बीजेपी ने ही ठेका लिया है? क्या कानून का ही ठेका है? आदि बातें जो इनकी मंशा को साफ तरीके से उजागर कर देती है कि यह किस के हक़ में या किस के समर्थन में यह पूरा प्रोपेगेंडा कर रहे हैं ।

     

    लेकिन तब तक पढ़ने सुनने वाला इनकी रणनीति में ऐसा उलझ चुका होता है कि वह इनकी बातों में आ जाता है।

     

    फिर भी इस विडियो की एक बात से हम सहमत हैं कि वह यह कि “बिल्कुल आज देश भेड़चाल में चल रहा है और इस भेड़चाल को राजनीतिक पार्टियाँ, पुष्पेंद्र जी जैसे लोगों द्वारा ही ब्रेन वाश कर चला रही हैं। “

     

    नहीं तो सामान्य स्थिति में तो एक आम व्यक्ति ऐसे आदमी को सुनने जो कि खुले तौर पर गृह युद्ध उकसा रहा है सिर्फ नफ़रत फैला कर आपको प्रेरित कर रहा है कि आप अपने बच्चों को हिंसात्मक बनाये और करियर की जगह लड़ने के बारे में उन्हें आगे करें। इसके बजाय वह उसकी मानसिकता पर क्रोधित हो रहा होता या उस के खिलाफ शिकायत कर रहा होता ।

     

    परन्तु हम जज़बाती लोग उसकी बातों में आकर ऐसा करना तो दूर इसके उलट उसकी बातों में ब्रेन वाश होकर उसके मोहरे बन उसी की बातों का प्रचार कर रहे हैं।

     

    एक बार सोचियेगा ज़रूर।