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रमज़ान विशेष

रोज़ा एक इबादत है। जो कि रमज़ान (हिजरी कैलन्डर के महीने) में 1 माह के लिए रखे जाते है। रोज़े को अरबी भाषा में ‘‘सौम’’ कहते हैं। इसका अर्थ ‘‘रुकने और चुप रहने’’ के हैं। क़ुरआन में इसे ‘‘सब्र’’ भी कहा गया है, जिसका अर्थ है ‘स्वयं पर नियंत्रण’ और स्थिरता व जमाव (Stability)। इस्लाम […]

रोज़ा रखने से खुदा मिलता है?

जवाब:-  सबसे पहले इस सम्बंध में इस्लाम के बुनियादी अक़ीदे (मूल सिद्धांत) को समझना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि अक्सर लोग इस्लाम के बुनियादी अक़ीदे को समझे बिना ही इसे दूसरे धर्मो की तरह मानकर सवाल करने लगते हैं। जैसा कि दूसरे धर्मो का अक़ीदा (विश्वास) होता है कि यह दुनिया ही सब कुछ है आदमी […]