अपने ख़िलाफ़ फैलाई गई नफरतों और झूठ से बेपरवाह मुस्लिम कौम एक बार फ़िर जनसेवा और देश हित मे जुटी है।
देश भर में कई मस्जिदों में जहाँ ऑक्सीजन सिलेंडर बट रहे हैं तो कई मस्जिदों से मरीज़ों और मुसीबत ज़दाओ को तरह-तरह से मदद मिल रही है। खास तौर पर मुम्बई मे कई मस्जिदों में मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) के साथ ऐसे किट भी दिए जा रहे हैं जिन्हें घर मे फिट किया जा सके।
इस काम मे जुटी रेड क्रिसेंट सोसाइटी के चेयरमैन अरशद सिद्दीकी बताते है कि “चूंकि सभी कोविड-19 रोगियों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं और कई का इलाज घर पर किया जा रहा है, इसलिए हमने उन लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के बारे में सोचा जिन्हें इसकी आवश्यकता है। यह लोगों को मुफ्त में दिया जा रहा है फिर चाहे मरीज़ किसी भी धर्म, जाति या पंथ का हो। यह महामारी के खिलाफ हमारी एकजुट लड़ाई है और हम जरूरतमंदों की मदद करेंगे जितना हमारा सामर्थ्य है।”
ऐसे ही ऑक्सीजन (Oxygen) वितरण से जुड़े डॉ अज़ीमऊद्दीन ने बताया कि अब तक 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) मुफ्त बांट चुके हैं।
मुंबई की निकहत मोहम्मदी ने “फूड एक छोटी सी आशा” की शुरुआत की जो आज 25,000 गरीब और ज़रूरतमंद लोगों के खाने का ज़रिया है।
निकहत इस बारे में कहती हैं की “मुस्लिम होने के नाते वे यह मानती हैं कि सभी लोग एक ही माँ-बाप (आदम और हव्वा) की संतान है औऱ आपस में भाई-बहन हैं।” उन्होंने यह भी कहा की “मुस्लिमों के खिलाफ फैलाई जा रही नफ़रत और पूर्वाग्रह उन्हें इस बात से नहीं रोक सकती कि वे विपदा से प्रभावित हो रहे लोगों की मदद ना करे चाहे वे किसी भी धर्म के क्यों न हो।”
इसी तरह हेल्पिंग हेंड फाउंडेशन (Helping Hand foundation) की 100 लोगों की टीम जिसमें एम्बुलेंस, ड्राइवर, नर्स, Paramedic स्टाफ, काउन्सलर, पेशेंट केअर और वर्करो के साथ देश स्तर पर प्रभावितों को हर सम्भव मदद पहुँचाने में जुटी है।
संगठन के संस्थापक और ट्रस्टी, मुजतबा अस्करी कहते हैं :-
“हम कोविड-19 (COVID-19) से पहले भी अपने साथी नागरिकों की सेवा करने के मिशन में लगे हुए हैं। हमारे देश के सामने भयावह चुनौती और ज़रूरत से ज़्यादा लोगों की दुर्दशा ने ही हमारे और अधिक करने के संकल्प को मजबूत किया है।”
इसी कड़ी मे आगे, गुजरात में अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीज़ों के लिए बेड की कमी को देखते हुए वडोदरा में जहांगीरपुरा मस्जिद को एक कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया गया और उस मे 50 से अधिक बेड लगाए गए।
जहांगीरपुरा मस्जिद के अलावा दारूल उलूम में भी संस्था के संचालकों ने प्रशासन के साथ मिलकर 120 बेड की व्यवस्था की।
इसके अलावा भी कई मस्जिदों और मदरसों के ज़रिए महामारी में लोगों की मदद की जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब ज़रूरत पढ़ने पर मुस्लिमों ने देश और देश वासियों के लिए अपने जी-जान लगाए हैं बल्कि हर बार ज़रूरत के समय देश का मुसलमान अपनी जान और माल के साथ हाज़िर रहा है। इसी का आभार मानते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि महामारी के इस काल में मुस्लिमों का उपकार देश कभी नहीं भूलेगा।
हमारे हिन्दू भाइयों से यह अपील है कि इस वक़्त है खुद से सवाल करने का कि अगर मुस्लिमों के खिलाफ उन प्रोपेगंडे जिनमे उन्हें देश विरोधी, देश और देशवासियों की बर्बादी के लिए कार्यरत बताया जाता है, उसमे अगर रत्ती भर भी सच्चाई होती तो फिर मुस्लिम अपनी जान पर खेल कर अपने देश की सेवा और देशवासियों की जान बचाने में क्यों लगे हुए हैं?
यह तो ऐसा समय है कि अगर वाकई वे देश को बर्बाद करना चाहते तो उन्हें कुछ करने की आवश्यकता ही नही थी बल्कि वे चुपचाप ही बैठे रहते। जैसे नफरत फैलाने वाले बैठ गए हैं (जो देश की इस आपदा में तो कुछ काम नही आ रहे बल्कि उस मौके के इंतज़ार में है की कैसे कुछ मिले और मुस्लिमों की इस सेवा को भी ऑक्सीजन (Oxygen) जिहाद या कुछ और बोल कर ज़हर घोला जाए।)
लेकिन नहीं। 100 झूठ एक तरफ और सच्चाई एक तरफ। मुस्लिम अपने जी जान से देश हित मे लगें हुए हैं और *रमज़ान के उपवास* के इस महीने में ही भूखे-प्यासे इस काम मे दौड़ रहे हैं।
यहीं नही नफरत फैलाने वाले अपनी मनगढ़ंत कहानियों से देश के मुस्लिम ही नहीं बल्कि मुस्लिम देशों को भी अपनी कोरी कल्पना से देश को बर्बाद करने के मिशन पर बताते हैं। जबकि आज ज़रूरत पढ़ने पर जो सबसे पहले अगर कोई आगे आया है तो वह भारत का दोस्त और कोई नही बल्कि मुस्लिम देश सऊदी अरब ही है। जिसने 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन (Liquid Oxygen) भारत के लिए भेजी है।
यह कुछ बाते तो देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर थी। जबकि व्यक्तिगत स्तर पर भी मुस्लिम हर शहर हर राज्य में अपना योगदान दे रहे हैं।
संकट की इस घड़ी में सभी साथ है ऐसा नही है कि सिर्फ मुस्लिम ही सेवा कर रहे हैं, बल्कि हर समाज हर वर्ग के लोग जुड़े हैं।
दरअसल देश की हर आपदा में आगे खड़े होने वाले लोग आज मैदान में है। पीछे सिर्फ नफ़रत फैलाने वाले गद्दार हैं जो मुँह छुपाते फिर रहे हैं और नफरत फैलाने के मौके की तलाश में है जैसा उन्होंने हमेशा से ही किया है।
लेकिन यहाँ मुस्लिमों के प्रति झूठ का पर्दाफाश करने लिए यह ज़रूरी था कि लोगों का इस तरफ ध्यान दिलाया जाए। अगर हम नफ़रत फैलाने वाले इन देश के दुश्मनों के बहकावे में नही आते और अपने ही देशवासियों से द्वेष रखने और धर्म की राजनीति में उलझने की जगह असल मुद्दों और स्वास्थ्य व्यवस्थाओ पर माँग कर रहे होते तो आज इस आपदा का सामना नही कर रहे होते। आशा है की ईश्वर जल्द ही हमे इस आपदा पर विजय देगा।
लेकिन याद रहे मौका मिलते ही यह नफ़रत फैलाने और देश तोड़ने वाले फिर उठेंगे फिर आपको मुस्लिमों के खिलाफ झूठ की बुनियाद पर गुमराह करेंगे लेकिन अगर आप मानवता में थोड़ा-सा भी विश्वास और देश से थोड़ा भी प्यार रखते हैं तो आपको यह निश्चित करना होगा की ऐसी हर कोशिश को सफल नही होने देंगे। अगर इसके बाद भी यह लोग आपके मन मे मुस्लिमों के लिए द्वेष जगाने में कामयाब होते हैं और आप इन सारी हक़ीक़तों और योगदान को अनदेखा कर देते हैं तो यह आपका मानवता और अच्छे कर्मों का बदला गाली देने के समान ही होगा।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.