जवाब :- इस झूठ की व्याख्या वे यूं करते हैं कि- लव जिहाद मतलब गैर मुस्लिम लड़की को मुस्लिम लड़के द्वारा प्यार में फंसा कर धर्म परिवर्तन कराना और मुस्लिम बनाना, फिर शादी करना और ना माने तो बलात्कार बलात्कार करना और फिर हत्या कर देना।
साथ ही इस में यह भी जोड़ देते हैं कि यह काम बड़े तरीके से हो रहा है और इस काम के लिए मुस्लिमों को 3 से 5 लाख मिलते हैं। IT सेल द्वारा चलाये जाली (Fake) मैसेज में इस के लिए कांटेक्ट नम्बर और पता (Contact number & address) भी दिया जाता है।
अब जरा सोचें, तर्क यह कहता है की-
इतनी पुख्ता जानकारी होने के बावजूद किसी भी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही? देश की पुलिस,सूचना-सतर्कता विभाग या न्यायालय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही? आज से देश आजाद होने तक, और इससे पहले के रिकॉर्ड में कहीं भी इस तरह की किसी घटना का सबूत नहीं है।
इसके बावजूद अक्सर लोग लव जिहाद के नाम पर जाली पोस्ट (fake post) के चंगुल में फँसकर अपने सोचने समझने की शक्ति का प्रयोग नहीं करते है और इनके बनाये प्रोपेगेंडा का शिकार होते हैं।
लव जिहाद जैसा कुछ भी नहीं है।
पवित्र क़ुरान गैर-औरतों के बारे में कहता है।
(ऐ रसूल) ईमान वालो से कह दो के अपनी नज़रे नीची रखे और अपनी शर्मगाहो (शरीर के खास अंग) की हिफ़ाज़त करें यही उनके लिये ज़्यादा अच्छी बात हैं। ये लोग जो कुछ करते हैं अल्लाह उससे यकीनन वाकिफ़ हैं और ऐ रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ईमान वाली औरतों से कह दो कि वह भी अपनी नज़रे नीची रखे और अपनी शर्मगाहो की हिफ़ाज़त करे।
[सूरह नूर 24:30-31]
हदीस– पैगम्बर ऐ इस्लाम, अंतिम संदेष्टा ने कहा। कि अगर किसी गैर-महरम / गैर-औरत पर अचानक नज़रे पड़ जाए तो अपनी नज़रे फेर लो।
इस के साथ इस्लाम में व्यभिचार / बलात्कार की सज़ा तो सज़ा ए मौत है।
तो कैसे कोई मुसलमान इस तरह का काम जो इस्लाम की नज़र में इतना बड़ा अपराध है, ख़ुद इस्लाम के नाम पर कर सकता है??
कुछ और तर्क और सामान्य बुद्धि (common sense) के तथ्य –
- भारतीय समाज में तो अंतरजातीय विवाह ही बड़ी बात हो जाती है कई आनर किलिंग के केस मिल जाते हैं तो क्या इस तरह के अंतर्धार्मिक विवाह पर कुछ प्रतिक्रिया नहीं होती? लेकिन ऐसा एक केस भी हमें देखने में नहीं आता है..
ऐसा नहीं है की अंतर्धार्मिक विवाह होते ही नहीं है….. बिल्कुल होते है.. लेकिन इन केसो में परिवार को पता होता है की लड़का – लड़की अपनी मर्जी से शादी की है उन पर कोई दबाव नहीं है। इसलिए अगर परिवार केस करता भी है तो लड़का लड़की शपथ पत्र पुलिस के समक्ष न्यायालय में देती है और केस खत्म हो जाता है और इस तरह के केस को उंगलियो पर गिना जा सकता है।
और इस तरह के केसों में धर्म का कोई लेना देना नहीं, अधिकांश मामलों में तो लड़का हिन्दू और लड़की मुस्लिम होती है। तो क्या ये कहा जाए कि हिन्दू लव युद्ध कर रहे हैं?
- फिर भी अगर फासीवादी नफरती संगठनों द्वारा फैलाये जा रहे झूठ को सही माना जाये तो सवाल उठता है कि अगर लव जिहाद के नाम पर मुस्लिम लड़के हिन्दू लड़की से शादी कर रहे है तो मुस्लिम लड़कियो से कौन शादी कर रहा है..?
- इस सवाल का जवाब ना होने पर और झूठ उजागर होते देख वे सीधे आपको 4 शादियों में उलझा देते हैं। औऱ आम आदमी धार्मिक आवरण में इतना उत्तेजित हो जाता है की दिमाग लगाने की ताक़त ही नहीं बचती।
4 आइए इसे भी देख लेते हैं,
*2011 की जनसंख्या report के मुताबिक हिंदुओं में 1000 पुरुषों पर जहाँ 939 महिलाएँ हैं, वहीं मुस्लिमों में 1000 पुरुषों पर 951 महिलाएँ हैं।*
इस report से तो इन संगठनों के सारे आरोप पूर्ण रूप से निराधार और बकवास साबित हो जाते हैं ।
आसान सा गणित है:-
आंकड़ों के मुताबिक तो हमारे देश में 1000 पुरुष (हिन्दू मुस्लिम) पर 951+939÷2= 945 महिलाएँ हैं।
पर 4 शादी के लिए 1000 पुरुष पर 4 हज़ार महिलाये चाहिए। अतः यह असंभव है।
अगर 2 शादी भी जोड़े 2000 महिलाये चाहिए…. तो बाकी महिलाये लव जिहाद से आती है……?
अगर हाँ तो इसका मतलब तो यह हुआ कि हिन्दू पुरुषों की शादी ही नहीं हो रही है….! साथ ही कुछ मुस्लिम भी अविवाहित ही बच रहे है।!!
(1000 x 2 = 2000),
जबकि 2000 हिन्दू, मुस्लिम पर मात्र 1890 महिलाएँ मौजूद)
तो ये है लव जिहाद और 4 शादी की सच्चाई
अब बात सोचने वाली है की फिर ये झूठ क्यो सच बन कर घूम रहा है….? किन लोगो का फायदा है…? इस झूठ को फैलाने से..? क्या मकसद है? सिर्फ़ यह कि एक डर और दुश्मनी खड़ी कर कुछ राजनैतिक लाभ उठाया जा सके..?
अगर ये नहीं सोचा गया तो… फिर यकीन माने आप IT cell के झूठ के चक्रव्यूह में फँसकर आप कभी बाहर नहीं आ पाएंगे और इनकी कठपुतली बन अपना और देश का नुकसान करेंगे।।
झूठ हमेशा हानिकारक होता है।
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