सवाल:- एक पोस्ट में किसी रिसर्च का हवाला देकर कहा जा रहा है कि अरब के व्यापारी भारत आकर दलित महिलाओं के साथ अस्थायी (टेम्पररी) मैरिज कर शोषण कर उन पर अत्याचार करते थे।

जवाब:- भारत में दलितों पर सदियों तक किसने अत्याचार किया है इस बात को जानने के लिए किसी अनजान रिसर्च की ज़रूरत नहीं है यह यो इतना खुला तथ्य है कि हर कोई इस बारे में जानता है।

लेकिन झूठा इतिहास लिखने की कोशिश करने वालों का अपना किया दुसरो के सिर मढ़ कर भीम भाइयो को मुस्लिमों के ख़िलाफ भड़काने की छटपटाहट का यहाँ साफ़ प्रदर्शन हो रहा है। यह बिलकुल निराधार इसलिये है क्योंकि

1. अस्थायी (Temporary) मैरिज जैसी कोई व्यवस्था इस्लाम में नहीं है, मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व सल्लम से पूर्व अरब में कई कुरीतियाँ / प्रथाएँ प्रचलित थीं जैसे शराब, जुआ, व्यभिचार आदि जिन्हें मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व सल्लम के आने के बाद हराम (वर्जित) क़रार दिया गया ऐसे ही एक प्रथा मुताह निकाह (अस्थायी मैरिज) थी जिसे भी वर्जित कर दिया गया।
(सही बुखारी 6961)
(सही मुस्लिम1407)

2. यह बिल्कुल ही अतार्किक बात है कि कोई भी व्यापारी किसी दूर देश में जाए और वहाँ जाकर उस समाज की स्त्रियों का यौन शोषण करें और उस समाज के लोग उसे कुछ कहे ही नहीं और ऐसा निरन्तर होता रहे। परदेस में तो इंसान ख़ुद लाचार होता है। अतः इस तरह का इलज़ाम तो ख़ुद के पूर्वजों का अपमान ही होगा।

3. इस बात के असंख्य साक्ष्य मौजूद है कि अत्याचार और पतन से परेशान कितने ही दलित अतीत में इस्लाम से प्रभावित होकर इस्लाम में प्रवेश करते रहे हैं अतः अगर इस तरह की कोई कुरीति होती तो क्या यह सम्भव था? बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर ने भी अपने अनुयायियों को इस्लाम धर्म स्वीकार करने की राय दी थी। “अम्बेडकर और मुस्लिम” लेखक आनन्द तेलतुंबड़े।

और अंत में यह कह देना की यह मैसेज सब भीम भाइयों को जल्दी से पढ़वाओ, इस मैसेज की असल मंशा, झूठे तथ्य और मनगढ़ंत डर बताकर भीम भाईयों को इस्लाम के ख़िलाफ भड़काना पूर्ण रूप से स्पष्ट एवं उजागर कर देता है।

👇दलितों पर सदियों से आज तक किसने अत्याचार किया है इसकी जानकारी यह रिपोर्ट में उपलब्ध है। 👇

 

 

 

Share on WhatsApp