क्या क़ुरआन के लेखक (लिखने वाले) हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) हैं?
जवाब:- चूंकि अधिकांश धर्मग्रंथ इंसानों द्वारा लिखे गए हैं जैसे गॉस्पेल ऑफ जॉन, गॉस्पेल ऑफ मार्क, श्रीरामचरितमानस आदि को क्रमशः जॉन, मार्क, तुलसीदास ने लिखा था। वैसे ही क़ुरआन के बारे में समझ लिया जाता है कि क़ुरआन को मुहम्मद (स.अ.व.) ने लिखा है जबकि ऐसा नहीं हैं।
आप (स.अ.व.) तो उम्मी थे यानी की पढ़-लिख नहीं सकते थे जैसा की क़ुरआन में लिखा है :-
और (ऐ रसूल) क़ुरआन से पहले न तो तुम कोई किताब ही पढ़ते थे और न अपने हाथ से तुम लिखा करते थे ऐसा होता तो ये झूठे ज़रुर (तुम्हारी नबुवत में) शक करते।
(क़ुरआन 29:48)
अतः क़ुरआन मुहम्मद (स.अ.व.) ने नहीं लिखा बल्कि यह उनपर नाज़िल (अवतरित) हुआ है।
जैसा कि अल्लाह त’आला ने क़ुरआन में बताया –
“(ऐ रसूल) तुम (साफ) कह दो कि इस (क़ुरआन) को तो रुहलकुदूस (जिब्रिल) अपने रब की तरफ़ से लेकर आते थे।”
(सुरः नहल : 102)
यानी कि अल्लाह ने क़ुरआन, जिब्रिल (जो कि अल्लाह के 1 फ़रिश्ते हैं) अलैहिस्सलाम के ज़रिए मुहम्मद (स.अ.व.) पर नाज़िल किया है। जब भी अल्लाह का हुक्म होता था जिब्रिल क़ुरआन की आयतें लेकर मुहम्मद (स.अ.व.) के पास आते और उन्हें उसका ज्ञान करवा देते थे। पूरा क़ुरआन एक बार में नहीं बल्कि थोड़ा-थोड़ा 23 वर्ष के अंतराल में अवतरित हुआ।
क़ुरआन का जमा करवा देना, पढ़वा देना और उसकी मुश्किलात को समझा देना भी अल्लाह ने अपने ज़िम्मे ही लिया था।
(क़ुरआन 75:16-19)
जो कि मुहम्मद (स.अ.व.) के जरिये मुकम्मल (सम्पन्न) कर दिया गया।