प्रश्न नंबर 2 - मोहम्मद साहब के कार्टून से आपको समस्या है, ठीक बात है... लेकिन उनके नाम पर "जैश-ए-मोहम्मद" जैसे आतंकवादी संगठनों का नाम रखने पर प्रदर्शन क्यों नहीं होता?

जवाब:-  देश-दुनिया के तमाम मुस्लिम इदारों ने इस्लाम के नाम पर चल रहे आतंकी संगठनों का खुला विरोध किया है, उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए हैं। अगर आप इस बात से अनजान हैं तो आपको अपनी आँखें खुली और खबरों पर नज़र रखना चाहिए। देेेखिए कुछ उदाहरण आपके लिए 👇

विश्व का सबसे बड़ा मदरसा (दारुल उलूम देवबंद) ने फतवा जारी किया👇

1) https://m.timesofindia.com/india/deoband-first-a-fatwa-against-terror/articleshow/3089161.cms

2) https://www.hindustantimes.com/delhi/coming-fatwa-against-terrorism/story-EZRGI5IPyMv2e5b8bZ1EUP.htm

3) https://www.thehindu.com/news/national/darul-uloom-deoband-condemns-alqaeda-move/article6384559.ece

4) https://www.indiatvnews.com/news/india/madrasasjoin-hands-to-create-awareness-against-isis-55989.html

  • मुस्लिम कार्यकर्ता ने की पेरिस आतंकी हमले की निंदा👇
  • शहर भर के मुस्लिम संगठनों ने घोषणा की कि मुस्लिम कब्रिस्तानों में मारे गए आतंकवादी के लिए कोई जगह नहीं है👇
  • https://edition.cnn.com/2009/WORLD/asiapcf/04/17/mumbai.bodies/

अब यह आरोप लगाने वाले कि “इन विरोध प्रदर्शनो का स्तर फ्रांस के विरोध में हो रहे प्रदर्शन उतना क्यो नहीं है।” ख़ुद यह बात भली भांति जानते हैं कि दोनों ही बातों (मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व सल्लम के अनादर के विरोध और इस्लामी नामो पर चल रहे आतंकी संगठनों के विरोध) में एक मूल फ़र्क़ है जिसे जानते ही इस प्रोपेगंडे से प्रेरित सवाल की पोल खुल जाती है। लेकिन बड़ी ही चालाकी से इस पर से ध्यान हटा दिया जाता है।

 

वह यह है कि हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व सल्लम के अपमान के मामले में मुस्लिमों ने जहाँ शांति पूर्वक यह अपील की है कि आप ऐसा कर हमारी धार्मिक भावना आहत ना करें लेकिन इस अपील पर ना ही वे रुके ना किसी देश, सरकार ने इसे रोकने का ज़मीनी प्रयास किया जिस से इस कृत्य को रोका जा सके अतः विरोध प्रदर्शन हुए।

 

जबकि “जैश-ए-मोहम्मद” आदि आतंकी संगठनों के मामले में ऐसा नहीं है, उनको तो ख़त्म करने के लिए देश दुनिया की बड़ी- बड़ी मिलिट्री आर्मी लगी हुई हैं, उन्हें ख़त्म करने में दुनिया के तमाम संसाधन और ताकत लगा रखी गई है और उन्हें ख़त्म करने के निरंतर प्रयास चल रहे हैं। जब इतने प्रयास और मिलिट्री कार्यवाही (Operation) चल रहे हैं उसके बाद भी आप यह चाहते हैं कि निरंतर विरोध प्रदर्शन चलते रहें? यक़ीन जानिए अगर इसी तरह का या इस से 100 गुना छोटा ज़मीनी प्रयास भी अगर दुनिया ने हज़रत मोहम्मद (स.अ.व.) के अपमान को रोकने में लगाया होता तो मुस्लिमों को किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं करना पड़ता।

खैर, इन आतंकी संगठनों की सच्चाई जानना हो तो यह‌ दोनो विडियो देख लिजिए 👇

कन्हैया कुमार ने आतंकवाद की खोली पोल https://youtu.be/783RQbADM24

डॉ राम पुनियानी जी ने आतंकवाद की हकीकत बताई। https://www.facebook.com/1350954568321994/posts/2601119306638841/

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