- Date: 2021-10-07
क़ुरान और हदिस में क्या फर्क?
क़ुरआन क्या है? क़ुरआन अल्लाह का कलाम (ईश वाणी) है जो उसके आख़िरी पैगम्बर हज़रत मोहम्मद (स.अ.व.) पर नाज़िल (अवतरित) हुई। इसमे कुल 114 सुरः (पाठ) हैं, दूसरे धर्म ग्रँथों से अलग क़ुरआन की विशेषता यह है कि इसमें विशुद्ध अल्लाह का कलाम (ईश वाणी) है। इसके अलावा इसमें ना किसी और के वचन हैं […]
- Date: 2021-06-06
काबे की ओर सजदा क्यों?
जवाब:- बेशक अल्लाह तो हर दिशा का मालिक है। और पूरब व पश्चिम सब अल्लाह ही का है तो तुम जिधर मुंह करो उधर वज्हुल्लाह (ख़ुदा की रहमत तुम्हारी तरफ़ मुतवज्जेह) है बेशक अल्लाह वुसअत (विस्तार) वाला इल्म वाला है। (क़ुरआन 2:115) लेकिन अल्लाह ने अपने बन्दों पर करम और आसानी करते हुए उनके लिए […]
- Date: 2021-05-28
क्या कुरआन बाइबल से नकल किया गया है?
जवाब:– इस तरह का दुष्प्रचार उन गैर मुस्लिम भाईयों के सवाल पर किया जाता है, जो क़ुरआन को समझने पर जिज्ञासावश क़ुरआन के बारे में अपने स्कॉलर से पूछते है। जिसका वे जवाब नहीं देना चाहते है। इस तरह के सवाल करने वालों से पहला सवाल ये है कि क़ुरआन कौनसी बाइबल से और कब […]
- Date: 2021-05-28
क्या कुरआन अल्लाह की किताब है?
जवाब:- इस बात की 1 नहीं बल्कि अनगिनत दलीलें है कि यह कलाम किसी इंसान का हो ही नहीं सकता बल्कि अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त जो इस कायनात को बनानेवाला का ही है औऱ कोई भी इंसान क़ुरआन को सच्चे मन से पढ़ कर यह बात जान सकता है। सभी दलीलों का ज़िक्र करना तो किसी के […]
- Date: 2021-05-20
क्या क़ुरआन संग्रहित है ?
जवाब:- हज़रत मुहम्मद (स॰अ॰व॰) के दौर में ही क़ुरआन की तरतीब (सुरः का क्रम) और संग्रहण (जमा) पूरा हो चुका था वह दो ज़रियो से हुआ:- हिफ़्ज़ के ज़रिए लेखनी के ज़रिए जब भी क़ुरआन नाज़िल होता था उसे हज़रत मुहम्मद (स॰अ॰व॰) अपने सहाबा (साथी) को सिखाते थे। जिसे कई सहाबा हिफ़्ज़ (कंठस्थ) कर अपने […]
- Date: 2021-05-20
क़ुरआन क्या है?
जवाब:-क़ुरआन अल्लाह का कलाम (ईश वाणी) है। जो उसके आख़िरी पैगम्बर मोहम्मद (स.अ.व.) पर नाज़िल (अवतरित) हुई। इसमें कुल 114 सुरः (पाठ) हैं, दूसरे धर्म ग्रँथों से अलग क़ुरआन की विशेषता यह है कि इसमें विशुद्ध अल्लाह का कलाम (ईश वाणी) है। इसके अलावा इसमें ना किसी और के वचन हैं ना किसी और कि […]
- Date: 2021-05-19
क्या कुरआन काफ़िर को कत्ल करने का हुक्म देता है?
जवाब:- नहीं, क़ुरआन किसी निर्दोष काफ़िर (गैर मुस्लिम) को मारने का हुक्म नहीं देता। क़ुरआन 5:32 में इसका खुला आदेश है:- “जो शख़्स किसी को क़त्ल करे बग़ैर इसके कि उसने किसी को क़त्ल किया हो या ज़मीन में फ़साद बरपा किया हो तो गोया उसने सारे इंसानों को क़त्ल कर डाला और जिसने […]