विश्व के 95% आतंकी संगठन मुस्लिम क्यों है? सीरिया में मुस्लिम मुस्लिमों को ही मार रहै हैं
जवाब:- कुछ वर्षों पहले तक जो यह झूठा प्रचार (प्रोपेगेंडा) करते थे कि सभी आतंकी संगठन मुस्लिम ही होते हैं? उन्होंने अपने इस झूठ की निरंतर पोल खुलते देख अब 5% का रियायत (Concession) कर दिया है और अब वे 95% बताने लगे है।
लेकिन आज भी झूठे ही साबित हो रहे हैं क्योंकि यह 100% की तरह 95% भी पूर्ण झूठ एवं निराधार है। इसको जानने के लिये ज़्यादा मेहनत करने की भी आवश्यकता नहीं बल्कि ख़ुद अपने देश भारत की NIA (National Intelligence Agency) की लिस्ट अध्ययन कर लेना ही काफी है। NIA द्वारा बैन किये गए आतंकी संगठनों पर नज़र डाले तो 4 दर्जन में 3 दर्जन संगठन का किसी भी तरह से कोई रिश्ता मुस्लिमों से नहीं है। बचे कुछ उर्दू नाम वाले संगठन तो इसमें से कुछ के तो अस्तित्व पर सवाल पूर्व पुलिस / रक्षा अधिकारियो ने ही उठाया और उनको महज सुरक्षा एजेंसियों कि कल्पना करार दिया। जबकि कुछ संगठनों पर कोर्ट में आज तक इलज़ाम साबित नहीं हुआ।
अगर हम भारत में आतंकी हमलो का विश्लेषण करें तो जिन आतंकी हमलो के नाम पर मुस्लिम समाज के युवाओं को फंसाया गया था, वे सब बाइज्ज़त बरी हुए, मुख्य रूप से अक्षरधाम और संसद हमले में जिन मुस्लिमों को फंसाया गया वे सब बरी हो गए। मतलब असल हमलावर कोई और थे जिनको बचा लिया गया। लेकिन जब #अभिनव भारत जैसे असली आतंकियों को पकड़ा तो भारत में हमले बन्द हो गए।
सीरिया में मुस्लिम-मुस्लिमों को मार रहे है?
दुनियाँ में मुस्लिमों को आतंकी बता कर, फर्जी आतंकी संगठनों के नाम गढ़ कर ख़ुद मुस्लिमों पर आतंकी हमले करना कोई नई बात नहीं है।
कुछ उदाहरण देखना हो तो अफ़ग़ानिस्तान ज़्यादा पुराना नहीं है। जिस आतंकी संगठन तालिबान को खत्म करने के नाम पर अमेरिका ने पूरे अफ़ग़ानिस्तान को तबाह कर दिया आज वह सरकार बनाने के लिए उसी तालिबान से वार्ताएँ कर रही है। तो क्या अमेरिका का अब हृदय परिवर्तन हो गया है या तालिबान कभी आतंकी संगठन नहीं था?
ऐसे अनेक उदाहरण है मनगढ़ंत मुस्लिम नामो के संगठन या तो गढ़ लिये जाते हैं या अपनी आतंकी करतूतों को मुस्लिमों की आड़ में छुपा दिया जाता है। ताकि मासूमों पर हो रहे अत्याचार और आतंकी हमलों पर दुनियाँ आवाज़ ना उठाये।
ऐसे ही ISIS के बारे में देखें तो दुनियाँ के कई राजनीतिक, सामरिक विश्लेषको ने मजबूत दलील के आधार पर ये साबित किया है कि ISIS मुस्लिम संगठन नहीं है, बल्कि इज़राइली ख़ुफ़िया एजेंसी #मोसाद के द्वारा बनाया गया भाड़े के गैर मुस्लिम अपराधियों का समूह है। जिसका उद्देश्य मुस्लिम देशों पर हमला कर उनको कमज़ोर कर तेल के कुंओ पर कब्जा करना है और #New World Order की नीव रखना है।
जिन्हें इस पर विश्वास न हो वह ख़ुद Israel and state sponsored terrorism (इजरायल और राज्य प्रायोजित आतंकवाद) के बारे में ख़ुद सर्च कर पढ़ ले और उनके द्वारा अंजाम दी गई आतंकी घटनाओ के बारे में जान ले।
इज़राइल रक्षा बल (Israel defense force) के चीफ गादी ईज़ानकोट (Gadi Eizenkot) ने ख़ुद कबूल किया था कि उन्होंने सीरिया में विद्रोहियों और आतंकियों को हथियार उपलब्ध कराए थे।
अगर इतना अध्ययन ना भी करें तो कुछ सामान्य बुद्धि (कॉमन सेंस) से ही यह बात पता चल जाती है जैसे :-
अगर ISIS मुस्लिम संगठन है और उसे इस्लामिक कंट्री बनाना था, तो आज कि तारीख में सबसे आसान काम है किसी मुस्लिम देश का हीरो बनना, सिर्फ़ अमेरिका और इज़राइल को दबाना। जबकि ISIS कि गतिविधियों का केन्द्र देखे तो वह सीरिया, इराक, तुर्की, फिलिस्तीन के बीच है और ये सब इस्लामिक मुल्क है और वह इन्हें नुकसान पहुंचाने में लगा है।
फिलिस्तीन और इज़राइल संघर्ष कई सालों से चल रहा हे।
अगर ISIS इस्लामिक कंट्री बनाना चाहता था, तो वह इज़राइल पर हमला करता।
# लेकिन इस संगठन ने इस्लामिक मुल्कों पर ही हमला किया।
# इस संगठन के पास ऐसे हथियार थे, जो उन इस्लामिक देशों के पास भी नहीं हैं। वे कहाँ से आये?
हथियार विश्व में कितने देश सप्लाय करते है..?
# इस संगठन के पास इतनी दौलत कहाँ से आ गई जो ऐसे हथियार ले रहे हैं जिनको तो कई देश अफ़्फोर्ड ही नहीं कर सकते?
ईरान जैसे देशों से तेल खरीदने पर बैन लगाया जा रहा है जबकि ISIS के कब्जे में जो तेल के कुँए थे उनसे लगातार तेल खरीदा गया। उस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। क्यों..? और अमेरिका और यूरोप ने उससे तेल क्यों खरीदा?
# सीरिया के साथ रूस और तुर्की जैसी ताक़त ISIS के ख़िलाफ लड़ रही। लेकिन ISIS के ना तो हथियार खत्म हो रहे थे, ना ही संसाधन।
# ISIS इतना ताक़तवर संगठन कैसे बना कब बना….? की वह कई देशों से लड़ रहा है? और खुली भौगोलिक जानकारी होने और अमेरिका, इजराइल की पास अनंत शक्ति होने के बावजूद यह उसे खत्म क्यों नहीं कर रहे हैं? जबकि इनके तो पूरे के पूरे देश को सिर्फ़ 1 आतंकी ढूँढने के लिए ही खत्म करने के रिकॉर्ड हैं।
और भी बहुत कुछ। अतः अब आपको अंदाजा हो गया होगा कि मुस्लिमों को आतंकी बता कर विश्व भर में ख़ुद आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी कौन है? फिर चाहे वह देश में हो राष्ट्रीय स्तर पर या फिर विश्व में हो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर।